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बरगद के पेड़ से होने वाले फायदे

बरगद के पेड़ की जानकारी

क्या आप जानते हैं कि बरगद के ये फल आपके पौरुष शक्ति बढ़ाने में कितना मददगार है।

इसके इस्तेमाल से शीघ्र पतन, स्वपनदोष, कमजोरी, प्रमेह, वीर्य का पतलापन वीर्य के अन्य विकार दूर होते हैं। साथ ही यह काम शक्ति और स्पर्म बढ़ाने वाला होता है जिससे आप अपने विवाहित जीवन में भरपूर आनंद ले सकते हैं। यह इस्तेमाल बेहद सस्ता और चमत्कारिक परिणाम देने वाला है। यह इस्तेमाल स्पर्म की बीमारी और कमजोरी से ग्रस्त रोगियों के लिए अच्छे से अच्छे नुस्खों से कहीं अच्छा है।

बरगद के फल के फायदे
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बरगद में काम शक्तिवर्धक और शुक्रवर्धक गुण पाए जाते हैं। बरगद के पेड़ में लाल लाल छोटे छोटे बेर के समान फल लगते हैं। बरगद के पेड़ के ये लाल लाल पके हुए फल हाथ से तोड़ें। जमीन पर गिरे हुए न लें। इनको जमीन पर कपड़ा बिछा कर छाया में सुखाएं। सूखने के बाद पत्थर पर पीसकर पाउडर बना लें। सुखाते समय पीसते समय लोहे का उपयोग नहीं होना चाहिए। लोहे से इन्हें नहीं छूना है।
इस पाउडर के तोल के बराबर पीसी हुई मिश्री मिला लें। मिश्री भी पत्थर पर ही पिसी हुई होनी चाहिए । भली प्रकार मिश्री और बरगद के फलों के पाउडर को मिलाकर मिट्टी के बर्तन में सुरक्षित रखें। इसकी एक-एक चम्मच सुबह शाम दो बार गर्म दूध से फंकी लें।

इससे शीघ्र पतन समाप्त होकर काम शक्ति प्रबल हो जाती है। विवाहित जीवन का भरपूर आनंद आता है। शारीरिक स्वास्थय अच्छा होकर चेहरे पर लाली चमकने लगती है। इस सस्ते लेकिन मेहनत से भरपूर प्रयोग को करके देखें।

बच्चे पैदा करने वाले कीटाणु (स्पर्म) यदि वीर्य में ना हो तो इस प्रयोग से बच्चे पैदा करने वाले कीटाणु वीर्य में पैदा हो जाते हैं। आदमी बच्चे पैदा करने योग्य हो जाता है।

शुक्राणुओं के न होने से जो पुरुष बच्चे पैदा करने के अयोग्य घोषित कर दिए गए हैं, वो इस प्रयोग को ज़रूर करें, और ये प्रयोग करने के बाद अपना अनुभव ज़रूर बताएं, जिस से और लोगों को भी ये प्रयोग करने की प्रेरणा ले सकें।

 

बरगद के पेड़ के फायदे

बरगद की कली, डंठल को तोड़कर इससे निकलने वाले दूध की पांच बूंदें एक बताशे पर टपका कर खा जाएं। इस प्रकार चार बताशे हर रोज खाएं। यह सूर्योदय से पहले खाएं। नित्य दूध की एक बूंद बढ़ाते जाएं। इस प्रकार दस दिन लेकर फिर एक बूंद रोज कम करते जाएं। इस प्रकार 20 दिन यह इस्तेमाल करने से वीर्य का पतलापन, प्रमेह, स्वपनदोष ठीक हो जाता है

1.बरगद के पके फल को छाया में सुखाकर पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को बराबर मात्रा की मिश्री के साथ मिलाकर पीस लें। इसे एक चम्मच की मात्रा में सुबह खाली पेट और सोने से पहले एक कप दूध से नियमित रूप से सेवन करते रहने से कुछ हफ्तों में यौन शक्ति में बहुत लाभ मिलता है। 3-3 ग्राम बरगद के पेड़ की कोंपले (मुलायम पत्तियां) और गूलर के पेड़ की छाल और 6 ग्राम मिश्री को पीसकर लुगदी सी बना लें फिर इसे तीन बार मुंह में रखकर चबा लें और ऊपर से 250 ग्राम दूध पी लें। 40 दिन तक खाने से ‪#‎वीर्य‬ बढ़ता है और संभोग से खत्म हुई शक्ति लौट आती है।

2. बरगद के दूध की पहले दिन 1 बूंद 1 बतासे डालकर खायें, दूसरे दिन 2 बतासों पर 2 बूंदे, तीसरे दिन 3 बतासों पर 3 बूंद ऐसे 21 दिनों तक बढ़ाते हुए घटाना शुरू करें। इससे प्रमेह और‪#‎स्वप्न‬ दोष दूर होकर वीर्य बढ़ने लगता है।बरगद के फल छाया में सुखाकर चूर्ण बना लें। गाय के दूध के साथ यह 1 चम्मच चूर्ण खाने से वीर्य गाढ़ा व बलवान बनता है।

3. 25 ग्राम बरगद की कोपलें (मुलायम पत्तियां) लेकर 250 मिलीलीटर पानी में पकायें। जब एक चौथाई पानी बचे तो इसे छानकर आधा किलो दूध में डालकर पकायें। इसमें 6 ग्राम ईसबगोल की भूसी और 6 ग्राम चीनी मिलाकर सिर्फ 7 दिन तक पीने से वीर्य गाढ़ा हो जाता है।

4. बरगद के दूध की 5-7 बूंदे बताशे में भरकर खाने से वीर्य के‪#‎शुक्राणु‬ बढ़ते है।

5. बरगद की जटा के साथ अर्जुन की छाल, हरड़, लोध्र व हल्दी को समान मात्रा में लेकर पानी में पीसकर लेप लगाने से उपदंश के घाव भर जाते हैं।

6. बरगद का दूध उपदंश के फोड़े पर लगा देने से वह बैठ जाती है। बड़ के पत्तों की भस्म (राख) को पान में डालकर खाने से‪ उपदंश‬ रोग में लाभ होता है।

7. बरगद के पत्तों से बना काढ़ा 50 मिलीलीटर की मात्रा में 2-3 बार सेवन करने से ‪#‎पेशाब‬ की जलन दूर हो जाती है। यह काढ़ा सिर के भारीपन, नजला, जुकाम आदि में भी फायदा करता है।

8. बरगद की जटाओं के बारीक रेशों को पीसकर बने लेप को रोजाना सोते समय ‪‎स्तनों‬ पर मालिश करके लगाते रहने से कुछ हफ्तों में स्तनों का ढीलापन दूर हो जाता है।

9. बरगद की जटा के बारीक अग्रभाग के पीले व लाल तन्तुओं को पीसकर लेप करने से स्तनों के ढीलेपन में फायदा होता है।

10. 4 ग्राम बरगद की छाया में सुखाई हुई छाल के चूर्ण को दूध की लस्सी के साथ खाने से ‪गर्भपात‬ नहीं होता है।

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