चिकनगुनिया का इलाज़
चिकनगुनिया (chikungunya fever) की आयुर्वेदिक दवा ने लाखो लोगो को बचाया और ये काढ़ा बनाना आसान है ! काढ़े की विधि कुछ इस प्रकार से है !
तुलसी, नीम की गिलोय, थोड़ी सोंठ(सुखी अदरक), थोड़ी छोटी पीपर और थोड़ा गुड !
मात्र : 3 खुराक
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चिकनगुनिया के लिए अच्छी आयुर्वेदिक दवा – AVN अर्थोवेन (Arthoven) गोलियाँ चिकनगुनिया के लिए अच्छी आयुर्वेदिक हर्बल दवा में से एक है । इसमे प्राकृतिक हर्बल सामग्री शामिल है गिलोया या गुदुची जो प्रतिरक्षा को अच्छा करता है और बुखार के खिलाफ लड़ता है। दशामूला और पुनरणावा ( पुनर्नवा ) सूजन और प्रभावित जोड़ों में सूजन को कम करता है और गुग्गुलु – दर्द और सूजन को ठीक करता है ! आप इस समये मे दिन मे 3-4 बार पानी मे पाँच तुलसी ड्रॉप्स (Panch Tulsi Drops) का प्रोयोग भी करे इस से बहुत जल्दी आराम होता है और रोग से लड़ने की शक्ति भी काफ़ी अच्छी होती है पाँच तुलसी 200 से अधिक रोगो मे उपयोगी है !
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होमेओपेथी मे तुलसी से ही ओसिमुँ 200 (ocimum 200) बनती हैं ! ओसिमुँ 200 (ocimum 200) की 2-2 बुँदे 3 -3 बार मरीजो को लाभ होगा !
कुत्ता के काटने का होमेओपथ्य्क उपचार
जब भी कोई कुत्ता काटे, पागल कुता काटे तो बस एक दावा लीजये। हयड्रोफ़ोबिनूं 200 (Hydrophobinum 200) की 3-3 ड्रॉप जिब (tongue) पर 10-10 मिनट मे डाले । इस दावा को सूरज की धुप और रेफ्रीजिरेटर से बचाना है। लाभ होगा !