मोटापे का एक रूप है पेट में चर्बी, जो पूरे शरीर के बनावट को बिगाड़ देता है। यह चर्बी वाला पेट आपके सुंदर शरीर के बनावट को बदसूरत बना देता है। सच तो यह है कि इसके लिए जिम्मेदार आप खुद ही होते हैं। आपका रहन-सहन ही इसका मूल कारण होता है। आजकल समय के अभाव के कारण लोग रेडीमेड फूड, प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड खाने के आदि हो गए है। ऑफिस से लौटने पर खाना बनाने का मन नहीं करने पर रेस्तरां में खाने चले जाते हैं, वहाँ के मसालेदार खाने का असर आपके पेट को चुकाना पड़ता है।|
आयुर्वेद के अनुसार कार्बोनेटेड फूड, मीठा व्यंजन, सॉफ्ट ड्रिंक, तेल और मसालेदार खाना कफा और मेधा को बढ़ाते हैं जिसके कारण पेट में चर्बी जमने लगता है।
उपचारः
औषधी का वर्णन
मोटापानाशक चूर्ण
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काली जीरी-150ग्राम
त्रिकुट चूर्ण-150ग्राम
सनाय-150ग्राम
काली मिर्च-60ग्राम
हीरा हींग-30ग्राम
छोटी हरड़-150ग्राम
7 दिन तक गोमुत्र में भीगी हुई जिसका गोमुत्र हर रोज बदला जाये।फिर गोमुत्र में से निकाल कर 15ग्राम अरण्डी के तेल में भुने।वो स्वतः ही सुख जाएँगी नमी दूर हो जायेगी और फूल जायेगी।फिर उसका चूर्ण बनाये।ध्यान रहे की गोमुत्र देसी गाय का हो।सेंधा नमक आवश्यकतानुसार ||
सभी सामग्री का चूर्ण बनाकर कांच के मर्तबान में 15 दिनों तक रखने के बाद प्रयोग में लाएं।
मात्रा-5 से10ग्राम या वैद्यकीय सलाहनुसार ले रात को सोते समय गुनगुने या गर्म पानी से सिर्फ एक ही बार ले।
2-शुद्ध भिलावा -50ग्राम
गिलोय-100ग्राम
त्रिफला चूर्ण-100ग्राम
सभी को मिलाकर 5ग्राम की मात्रा में 10ग्राम देशी शहद के साथ मिलाकर दे।25 ग्राम निम्बू के रस में 125ग्राम गर्म पानी मिलाकर यथासंभव मधु मिलाकर शर्बत के समान बनाकर पिए।ये ध्यान रहे की ये खाली पेट लेने के बाद 1 घंटा तक कुछ नहीं खाना पीना है।|
3- भोजन के बाद मेदोहर गुग्गल 1 1 गोली
आरोग्यवर्धिनी 1 1 गोली
गुनगुने पानी से ले
त्रिफला 1 2 3 सेंधा नमक मिला कर ले ||
उपरोक्त नुख्से प्रयोग करने पर कैेसी भी चर्बी हो कुछ ही दिनों में घट जायेगी।यह मेने खुद बहुत मरीज़ो पर आजमाया है।यह इंजेकशन की तरह काम करता है।