काली हरड़ यानि की छोड़ी हरड़ को पानी से धोकर किसी साफ कपड़े से पौंछ कर रख लें।
👉दोनो समय भोजन के पश्चात एक हरड़ या दो हरड़ को मुहँ में रखकर चूस लिया करें।
👉लगभग एक घंटे में हरड़ में घुल जाती है।
👉यह गैस और कब्ज के लिये सर्वश्रेष्ठ दवा है ।
👉यह पेट के समस्त रोगों में लाभदायक है।
👉पेट ठीक तो 80% बीमारियां हमे होती ही नही।
💥हरड़ खत्म हो जाने के बाद अगर आपने हलका सा बिना मशाले वाला गुड़ चूस लिया तो सोने पर सुहागा हो जायेगा।💥
☘विशेष ☘
💥इससे गैस की शिकायत दूर होती है शौच खुलकर आती है भूख खूब लगने लगती है।
💥पाचन शक्ति बढती है। जिगर के रोग और आँतड़ियों की वायु नष्ट होती है रक्त शुद्ध होता है ।
💥चर्म रोग नहीं होता है।
💥सिरगेट- बीड़ी का अभ्यास छूट जाता है ।
💥व् यह प्रयोग लगातार करने से शरीर को बीमार होने की नोबत ही नही आती है।
☘क्योकि आयुर्वेद प्राचीन ग्रन्थों व् अपने अनुभव के आधार पर आपको बताते है की हरड़ को आयुर्वेद में माँ का नाम दिया गया है।
☘और आपको पता है माँ कभी किसी को धोखा नही देती है।