जब तक शारीर के कोषाणु ओं का पुननिर्माण ठीक -ठीक होता रहेगा तबतक बुड़ापा दूर रहेगा।
यदि विटामिन ‘इ’ विटामिन ‘सी’ और ‘कोलीन’ पर्याप्त मात्रामें प्रतिदिन शरीरको मिलते रहें तो
शरीरके कोषाणुओं का पुननिर्माण होता रहेगा बुढ़ापा देर से आयगा।
विटामिन ‘इ’ अंकुरित गेहूँसे, विटामिन ‘सी’ नींबु, शहद और आँवलेसे एवम ‘कोलिन’ मेथीदाने से प्राप्त होता है।
40 ग्राम गेहूँ और 10 ग्राम मेथीदाना —दोनोंको 4-5 बार साफ पानीसे धो लें।
धोनेके बाद आधा गिलास पानीमें 24 घंटे तक रखें।
बाद में पानीसे निकाल कर एक गीले कपडे में बांध कर 24 घंटेतक हवा में लटका कर रखें।पानी में आधा निम्बू निचोड़कर 2 ग्राम सोंठका चूर्ण डाल दें,
2 चम्मच शहद घोल कर सुबह खाली पेट पी लें। यह पेय बहुत शक्तिवर्धक,पाचक और स्फूर्तिदायक है।
24 घंटे पूरे होनेपर गेहूँ और मेथीदाना अंकुरित हो चुका होगा।
इसको एक प्लेटमें रखकर इसपर पिसी काली मिर्च और सेंधा
नमक बुरक दें।
इसे खूब चबा –चबा कर प्रातः खायें। मीठा खाना हो तो गुड़ मसल कर डाल दें, शक्कर न डालें।
इसको सेवन करने से ये तीनों तत्व तो शरीरको प्राप्त होते ही है, साथ ही एन्जाइम्स, लाइसिन, आइसोल्यूसिन, मेथोनाइन अदि पौष्टिक तत्व भी प्राप्त होते है।