-: आवस्यक औषधियॉ :-
▪ कुटकी २० तोले, नौसादर १० तोले, तथा कालानमक व सेंधानमक ४/४ तोले, और भुनीहींग २ तोले !!
-: वटी बनाने की विधि :-
सभी उपयुक्त औषधियों को लेकर बारीक कर लें फिर गौमूत्र, चित्रकमूल का क्वाथ और घीक्वार के रस से ३/३ भावना देकर १/१ रत्ती की गोलियॉ बना कर रख लें !!
-: मात्रा व सेवन विधि :-
इस वटी की २/२ गोली दिन में दो से तीन बार निवाय जल या कुमार्याशव के साथ सेवन करें !!
-: यकृद्विकार हर वटी के लाभ :-
इस वटी के सेवन से यकृत और प्लीहा वृद्धि तथा गुल्मादि को दूर करती है ! यकृत की वृद्धि होने पर जब पाचन क्रिया योग्य काम नही करती, यकृत को दबाव से दर्द होता है ! तथा कब्ज रहती है ! तब इस वटी का सेवन करना हितकर रहता है !!