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Sindur Tree Benefits in Hindi

Sindur Tree

असली सिन्दूर – Sindur Tree Benefits in Hindi

– बिहार के भागलपुर ज़िले के गांव कजरैली की महिलाएं खेत में सिन्दूर उगा रही हैं.सिन्दूर के इन पौधों के फलों से बीज निकाल कर उन्हें हथेली पर मसलने पर उनमें से सिन्दूरी रंग निकलता है.
– इसी प्राकृतिक रंग को महिलाएं अपनी मांग में सजा रही हैं.
– इन महिलाओं की देखा-देखी आसपास के गांवों की महिलाओं ने भी घरों में सिंदूर के पौधे लगाने शुरू कर दिए हैं.
– बाज़ार में बिकने वाले सिन्दूर में केमिकल होने की वजह से यह त्वचा के लिए नुक़सानदेह माना जाता है.
– अमेरिका ने अपने देश में सिन्दूर पर पाबंदी लगाते हुए कहा था कि इसमें काफ़ी मात्र में सीसा होता है और सीसा सेहत के लिए नुक़सानदेह है.
– सिंदूर लैड ऑक्साइड यानी पारा युक्त पदार्थ को पीसकर बनाया जाता है.
-सिंदूर पानी में नहीं घुलता और न किसी चीज पर रंग छोड़ता है.
– यह 400 से 500 रुपये प्रति किलो की दर से बाज़ार में उपलब्ध है.
– दूसरी चीज़ों की ही तरह नक़ली सिंदूर भी धड़ल्ले से बाज़ार में बेचा जा रहा है. अरारोट के पाउडर में गिन्नार और नारंगी रंग मिलाया जाता है. फिर इस मिश्रण को छान लिया जाता है. इसके बाद इस सिंदूरी पाउडर को धूप में सुखाया जाता है और इस तरह नक़ली या सस्ता सिंदूर बनाया जाता है.
– इसमें सस्ते रंगों का इस्तेमाल किया जाता है, जो त्वचा को नुक़सान पहुंचाते हैं. यह सिंदूर 5० से 6० रुपये प्रति किलो की दर से मिला जाता है. बाज़ार में इस सिंदूर की भारी मांग है.
– सिन्दूर को शहद में मिलाकर कपडे पर लगाकर दर्द वाली जगह पर रखने और ऊपर से सिंकाई करने से पसली के दर्द में आराम मिलता है.
– एक ग्राम शिला सिन्दूर के चौथाई भाग को १० मि.ली. तुलसी के रस के साथ बुखार आने से पहले देने से मलेरिया का बुखार ठीक होता है.बुखार आने के बाद हर २-२ घंटे में पिलाने से बुखार नहीं आता.
– एक ग्राम का चौथाई भाग रस सिन्दूर , एक ग्राम त्रिफला और एक ग्राम वायविडंग सुबह शाम सेवन करने से भगंदर ठीक होता है.
– कप्प्र के रस में सिन्दूर मिलाकर लगाने से पुराने से पुराना घाव या नासूर ठीक हो जाता है.
– गर्भवती की उलटी रोकने के लिए एक ग्राम का चौथाई सिन्दूर , त्रिकुटा ,जीरा और धनिया को पीसकर इसका ३ ग्राम शहद के साथ चटायें.
– कई आयुर्वेदिक योगों में सिन्दूर के कई रूप जैसे सुवर्ण सिन्दूर, मल्ल सिन्दूर, ताम्र सिन्दूर, रस सिन्दूर , शिला सिन्दूर आदि का उपयोग किया जाता है.
– विवाह के बाद वधु को सिन्दूर लगाया जाता है क्योंकि यह प्राण शक्ति को उर्ध्व करता है जो उसकी सभी शारीरिक और मानसिक समस्याओं को दूर कर स्वस्थ भावी पीढ़ी और गृहस्थी के निर्माण में सहायक होता है.
– यह यौन शक्ति को स्वस्थ बनाता है !

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