मकड़ी नस / वेरीकोज वेन्स की घरेलू चिकित्सा – Varicose Veins Ayurvedic Treatment in Hindi
नसों के वाल्व (द्वार) का ठीक से काम न करना।
बढ़ती उम्र के कारण वाल्व (द्वार) का ठीक से काम न करना और साथ ही नसों में खून के भरने से सूजन आ जाना।
महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण।मोटापे के कारण भी नसें सूज जाती हैं।
आनुवांशिकता भी एक कारण हो सकती है।जब वाल्व्स (valves) ठीक से कार्य नहीं करते तो रक्त धमनियों में ही रहता है, जिसकी वजह से इसमें सूजन आ जाती है और वेरिकोज़ नसों की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
त्वचा की सतह पर दिखने वाली छोटी नसों को स्पाइडर नसें (spider veins) कहा जाता है।उम्र का कारक भी वेरिकोज़ नसों की बढ़त में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उम्र के साथ नसें अपनी लचक खोती रहती हैं।
इन नसों के वाल्व्स कमज़ोर हो जाते हैं और दिल में रक्त जाने में समस्या उत्पन्न हो जाती है। ये धमनियां नीली इसलिए दिखती हैं, क्योंकि इनमें ऑक्सीजन (oxygen) से रहित खून होता है जो फेफड़ों से सारे शरीर में जाने की प्रक्रिया में होता है।जवानी के फूटने, गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति (menopause) की अवस्था में महिलाओं के शरीर में हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जिसकी वजह से वेरिकोज़ नसें दिखने लगती हैं।
कई बार हार्मोनल पूरक उत्पाद और गर्भनिरोधक गोलियों की वजह से भी ये धमनियां वेरिकोज़ नसों में बदल जाती हैं।
आहार – विटामिन, मिनरल्स, लो फैट और कार्बोहाइड्रेट से युक्त संतुलित आहार लें।
जंक फ़ूड, आइसक्रीम, तम्बाकू, अल्कोहल, अधिक शक्कर एवं नमक जैसी चीजों से दूर रहें।
वर्जिश – नियमित तौर पर व्यायाम करें।
कपड़े – तंग कपड़ों को पहनने से बचें खासकर टाइट जूते और मोज़े कभी न पहने।घंटो तक न बैठे रहें और न खड़े रहें अगर ऐसा करना पड़े तो पैरों की स्थिति को थोड़े थोड़े समय में बदलते रहें।भारी वजन उठाते समय पैरो की स्थिति सही रखें।संतरे जैसे फल जिनमे विटामिन c होता है, अवश्य खायें।अरंडी का तेल – अरंडी के तेल से मालिश करें । यह तेल रक्त के बहाव को बढ़ाता है और सूजन को कम करता है।
अमरुद – अमरुद जरूर खाएं, इसमें उपस्थित विटामिन C नसों को मजबूती देता है तथा विटामिन K खून के बहाव को नियंत्रित करता है।सरसों का तेल – इस तेल से दिन में दो बार मालिस करने से रक्त परिसंचरण ठीक रहता है और नसों के वाल्व (द्वार) सही तरीके से काम करते हैं।तम्बाकू, धूम्रपान, शराब, जंक फ़ूड जैसी चीजों से दूरी बनाये रखें।सही तरीके से बैठें।काले जामुन और स्ट्रॉबेरी (strawberry) का काफी मात्रा में सेवन करें। ये वेरिकोज़ नसों के लक्षण को दूर करने में काफी लाभदायक सिद्ध होते हैं।संतुलित खानपान ग्रहण करने से कोई भी बीमारी आपको छू भी नहीं पाती तथा आप एक स्वास्थ्यकर जीवन व्यतीत कर पाते हैं। लाभदायक सब्जियां, हरी पत्तेदार सब्जियां, मछलियाँ आदि काफी मात्रा में ग्रहण करें।लहसुन, अदरक और प्याज का सेवन अच्छे से करने पर भी काफी लाभ होता है, क्योंकि ये एंटीऑक्सीडेंटस (anti oxidants) की तरह कार्य करते हैं।चीनी, आइसक्रीम (ice cream) आदि से दूर रहें, क्योंकि इनसे भी वेरिकोज़ नसों की समस्या हो सकती है।शारीरिक व्यायाम जैसे चहलकदमी, तैराकी, साइकिलिंग (cycling) आदि को अपनाएं और इस समस्या से दूर रहें।लम्बे समय तक कुर्सी पर बैठकर काम करने से भी ये समस्या हो सकती है। छोटे छोटे अंतराल लें, घूमने जाएं, हल्का व्यायाम करें और शरीर को चलायमान बनाए रखें।
इन सब चीज़ों के फलस्वरूप आपको वेरिकोज़ नसों की समस्या नहीं सताएगी।
वेरिकोसे नसों की त्वचा खुजली युक्त होती है और इसीलिए इसे खुजलाने का प्रयास ना करें। इससे खून निकलने और अलसर (ulcer) जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।