Jalebi एक गोलाकार, चाशनी में डूबी हुई पीली (या केसरी) रंग की भारतीय मिठाई है, जो अक्सर त्योहारों जैसे दीपावली और रमजान के अवसर पर बनाई जाती है। इसे आमतौर पर दूध या अन्य भारतीय स्नैक्स के साथ परोसा जाता है। जलेबी बनाने के दो प्रमुख तरीके हैं: पारंपरिक और झटपट। पारंपरिक विधि में, मैदा और दही से एक घोल तैयार किया जाता है, जिसे 24 घंटे के लिए फरमेंट किया जाता है। वहीं, झटपट विधि में इंस्टेंट यीस्ट (तत्काल खमीर) का उपयोग किया जाता है, जिससे फरमेंट की आवश्यकता नहीं होती। आप दोनों तरीकों से जलेबी बना सकते हैं, लेकिन पारंपरिक विधि से बनी जलेबी का स्वाद अधिक अच्छा होता है।
घर पर जलेबी बनाने के लिए तीन मुख्य चरण होते हैं: पहले, मैदा और दही से एक घोल तैयार किया जाता है; दूसरे, चाशनी बनायी जाती है; और तीसरे, तैयार घोल को गर्म तेल में डालकर कुरकुरी जलेबी बनाई जाती है, फिर इन्हें गर्म चाशनी में डुबोया जाता है। इस रेसिपी में जलेबी को पारंपरिक तरीके से बनाया गया है।
जलेबी | Jalebi
पूर्व तैयारियों का समय: 24 घंटे 10 मिनट
पकाने का समय: 25 मिनट
सर्विंग: 4 लोगों के लिए
घोल बनाने की सामग्री | Batter Ingredients
- 1/2 कप मैदा
- 1 टेबलस्पून कॉर्न फ्लोर (कॉर्न स्टार्च) या अरारूट पाउडर
- 1/4 टीस्पून बेकिंग पाउडर
- एक चुटकी हल्दी पाउडर, पीला रंग पाने के लिए
- 1/4 कप दही
- 1/4 कप पानी
चाशनी बनाने की सामग्री | Ingredients for making syrup
- 1/2 कप शक्कर
- 1/4 कप + 2 टेबलस्पून पानी
- 1 टीस्पून नींबू का रस
- एक चुटकी इलायची पाउडर
- 7 केसर की किस्में, वैकल्पिक
जलेबी का घोल बनाने की विधि | Jalebi Ka Batter Banane Ki Vidhi
Step-1: एक मध्यम आकार के बर्तन में 1/2 कप मैदा छान लें। इसमें 1 टेबलस्पून कॉर्न स्टार्च, 1/4 टीस्पून बेकिंग पाउडर, एक चुटकी हल्दी पाउडर और 1/4 कप दही डालें।
Step-2: जरूरत के अनुसार लगभग 1/4 कप पानी मिलाएं और एक गाढ़ा घोल तैयार करें, जो इडली के घोल से थोड़ा मोटा हो। सुनिश्चित करें कि घोल में कोई गांठ न रहे।
Step-3: घोल को एक प्लेट या ढक्कन से ढककर 24 घंटे के लिए कमरे के तापमान पर (किचन के काउंटर पर) खमीर उठाने के लिए छोड़ दें। 24 घंटे बाद, ढक्कन हटा लें। आपको घोल की सतह पर छोटे-छोटे बुलबुले दिखाई देंगे और हल्की खट्टी खुशबू आ सकती है। ध्यान दें कि यह घोल इडली के घोल की तरह दोगुना नहीं होगा।
Step-4: घोल को एक चम्मच से अच्छी तरह से हिला लें।
Step-5: अगर घोल अत्यधिक पतला होगा, तो जलेबी कुरकुरी तो बनेगी, लेकिन उसका आकार अच्छा नहीं आएगा। वहीं, अगर घोल बहुत गाढ़ा होगा, तो जलेबी नरम बनेगी।
Step-6: जलेबी बनाने के लिए घोल को एक बोतल (जैसे कि सोस की खाली बोतल) या एक जिपलॉक बैग (या किसी भी मोटी प्लास्टिक बैग) में डालें।
जलेबी के लिए चाशनी बनाने की विधि | Sugar Syrup Banane Ki Vidhi
Step-7: एक बड़े पतीले या पैन में चीनी, केसर के धागे, इलायची पाउडर और पानी डालें। इसे मध्यम आंच पर गर्म करने के लिए रख दें।
Step-8: इसे तब तक पकाएं जब तक कि चाशनी की एक तार हल्की हो जाए।
Step-9: जब चाशनी 1 तार की हो जाए, तब इसमें नींबू का रस डालें और अच्छे से मिला लें। इसके बाद गैस बंद कर दें। आपकी चाशनी तैयार है। यदि चाशनी ठंडी हो जाए, तो जलेबी बनाने के दौरान इसे फिर से गर्म रखने के लिए कम आंच पर रखें। इससे जलेबी जब चाशनी में डुबाई जाएगी, तो वह गर्म रहेगी।
जलेबी कैसे बनाये? | How to make Jalebi?
Step-10: जलेबी तलने के लिए एक चौड़े पैन में मध्यम आंच पर घी या तेल गर्म करें। इस विधि में हमने तलने के लिए तेल के साथ 2 टेबलस्पून घी का उपयोग किया है। यह जांचने के लिए कि तेल तले के लिए तैयार है या नहीं, एक छोटी सी बूंद घोल की गर्म तेल में डालें। अगर वह बूंद रंग बदले बिना तुरंत सतह पर तैरने लगे, तो तेल तले के लिए तैयार है। जब तेल गर्म हो जाए, तो बोतल (या जिपलॉक बैग) को दबाकर, केंद्र से शुरू करके बाहर की ओर गोलाकार में जलेबी बनाएं, या आप बाहर से शुरू करके केंद्र की ओर गोलाकार में घुमा सकते हैं। यदि जलेबी का आकार सही नहीं आ रहा है, तो चिंता की बात नहीं है; गोल आकार में बनने के लिए कुछ अभ्यास की आवश्यकता हो सकती है।
Step-11: उन्हें 2-3 बार (या आवश्यकतानुसार) चिमटे से पलटें ताकि वे हर तरफ से समान रूप से सुनहरे हो सकें।
Step-12: उन्हें हल्का सुनहरा रंग और कुरकुरापन आने तक तलें।
Step-13: उन्हें तेल से निकालने के बाद तुरंत ही गर्म चाशनी में डालें। चाशनी का तापमान गर्म या थोड़ा गर्म होना चाहिए, ठंडा नहीं। इन्हें सिरप में करीब दो मिनट तक रखें और एक मिनट के बाद पलट दें।
Step-14: सिरप से जलेबी निकालकर एक प्लेट पर रख लें। आपकी जलेबी अब परोसने के लिए तैयार है।
सुझाव | Tips
- यदि जलेबी का घोल बहुत गाढ़ा होगा, तो जलेबी नरम बनेगी। और अगर घोल पतला होगा, तो जलेबी का आकार अच्छा नहीं आएगा।
- चाशनी को जमने से बचाने के लिए उसमें नींबू का रस मिलाया जाता है। इससे चाशनी के स्वाद में कोई बदलाव नहीं आता।
- अगर फरमेंटेशन के बाद घोल पतला हो जाए, तो उसमें थोड़ा सा मैदा मिला लें और अच्छी तरह से हिला लें।
स्वाद | Taste: मिठा और कुरकुरा
परोसने के तरीके | To Serve: जलेबी को चिवड़ा, करारी मेथी पुरी, नमक पारे, चकली, और गाठिया के साथ परोसा जा सकता है। इसे रात के खाने के बाद मिठाई के रूप में रबड़ी के साथ भी आनंद लिया जा सकता है।